गुरुवार, 22 नवंबर 2018

आज भी बसी हो मेरी यादों में

कौन कहता है
कि तुम चली गई
तुम तो आज भी बसी हो
मेरी यादों में

मेरी साँसों में
मेरे दिल में और
अब तो तुम आने लगी हो
मेरे जज्बातों में

तीन साल से
तुम्हीं ही तो छाई हुई हो
मेरी कविताओं में

अगले जन्म में
तुम फिर मिलना
मोहब्बत का फूल लिए
हाथों में

मेरे जैसा दीवाना
भला कहाँ मिलेगा तुम्हें
इस बेगानी दुनियां में।

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