आँख का खुलना
और बंद होना
इतने में ही तो सिमट जाता है जीवन
साँस का आना
बिजली का चमकना
और लुप्त होना
बून्द का गरम तवे पर
गिरना और मिटना
जलते दीपक को
और बंद होना
इतने में ही तो सिमट जाता है जीवन
साँस का आना
और दूसरी का जाना
इतने में ही तो गुजर जाता है जीवन
इतने में ही तो गुजर जाता है जीवन
बिजली का चमकना
और लुप्त होना
इतने में ही तो लुट जाता है जीवन
बून्द का गरम तवे पर
गिरना और मिटना
इतने में ही तो सिमट जाता है जीवन
हवा का झोंका लगना और बुझना
इतने में ही तो बुझ जाता है जीवन
बंद मुट्ठी में
रेत को पकड़ना और फिसलना
इतने में ही तो रीत जाता है जीवन।
सागर की लहरों का
किनारे से टकराना और लौटना
इतने में ही तो लौट जाता
है जीवन।
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