गुरुवार, 22 नवंबर 2018

तुम अगर आओ तो

तुम अगर आओ तो
आज भीगने चले
बारिश की बौछारों में

तुम अगर आओ तो
आज संग-संग दौड़े
हँसती हरियाली में

तुम अगर आओ तो
आज बाग में घूमने चले
भौंरों के गुंजारों में

तुम अगर आओ तो
आज प्यार बरसाए
चमकती चांदनी में

तुम अगर आओ तो
आज मिलन गीत गाऐं
बासंती हवाओं में

तुम अगर आओ तो
आज झूलों पर झूले
सावन की बहारों में।

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