एक दिन तुमने कहा था--
मोहब्बत कब मरी है
वह तो मरने के बाद भी
अमर रही है
सदियाँ गुजर गई
लेकिन ताजमहल में
मोहब्बत आज भी ज़िंदा है
हीर-रांझां, लैला-मजनू का प्यार
आज भी अमर है
आज जब भी
मैं तुम्हारी तस्वीर को देखता हूँ
यादों का खजाना खुल जाता है
मेरी नज़रों में
मैं खो जाता हूँ
गुलाबी नरम सपनों में
रुबरु होती है तुम्हारी यादें
जैसे तुम बसी हो मेरे दिल में
तुम तो आज भी जीवित हो
मेरे मन के किसी अदृश्य कोने में
सितारों पर लिखे प्यार भरे पैगामों में
तुमने ठीक ही कहा था--
मोहब्बत कब मरी है
वह तो मरने के बाद भी
सदा अमर ही रही है।
मोहब्बत कब मरी है
वह तो मरने के बाद भी
अमर रही है
सदियाँ गुजर गई
लेकिन ताजमहल में
मोहब्बत आज भी ज़िंदा है
हीर-रांझां, लैला-मजनू का प्यार
आज भी अमर है
आज जब भी
मैं तुम्हारी तस्वीर को देखता हूँ
यादों का खजाना खुल जाता है
मेरी नज़रों में
मैं खो जाता हूँ
गुलाबी नरम सपनों में
रुबरु होती है तुम्हारी यादें
जैसे तुम बसी हो मेरे दिल में
तुम तो आज भी जीवित हो
मेरे मन के किसी अदृश्य कोने में
सितारों पर लिखे प्यार भरे पैगामों में
तुमने ठीक ही कहा था--
मोहब्बत कब मरी है
वह तो मरने के बाद भी
सदा अमर ही रही है।
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