सोमवार, 26 नवंबर 2018

तुम बसी हो मेरी यादों में

तुम्हारे लौट आने की
पगध्वनि सुनने मेरे कान
बिना सोये जागते रहते हैं

विरह के दिन भी 
रात-रात भर जाग कर
दिल का दर्द बाँटते रहते हैं 

चाँद सितारों की दुनियाँ से
तुम्हारे लौट आने के इन्तजार में
दिल तड़फता रहता है

थक गयी है मेरी आँखें
तुम्हारा दीदार करने के लिए
दिल तरसता रहता है

यादें नहीं छोडती साथ
कराती रहती है अहसास
तन्हाई के दर्द का

दिल के भावों को
लिखता रहता हूँ ताकि तुम्हें
अहसास हो मेरे दिले-दर्द का 

फासले लम्बे हो गए 
लेकिन तुम आज भी बसी हो।
मेरे दिल में

नज़रों से भले ही दूर हो
लेकिन आज भी आती हो
मेरी यादों में। 


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