शुक्रवार, 23 नवंबर 2018

पहले वाली बात नहीं

सब कुछ है पर तुम नहीं   
जीवन में सुख चैन नही 
  दिन कटता है रीता-रीता     
    सपनों वाली रात नहीं।

 ठाट-बाट छूटा जीवन से    
  होठों पर मुस्कान नहीं 
  जीवन की मैं सुध-बुध भुला       
  काया का भी साथ नहीं।

आँखों में अब रात गुजरती      
प्यार भरे दिन रहे नहीं
जीवन फिर से हरा बने
  अब ऐसी बरसात नहीं।

मौजो के दिन बीत गए
सुख के सागर रहे नहीं
दर्द भरा अब जीवन मेरा  
     पहले वाली बात नहीं।

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