घूँघट की आड़ में
तुम्हारा मुस्कराना
बारिश के मौसम में
छत पर भीगना
तुम्हारी यादें
गुदगुदाती रातों में
शरारत भरी मुस्कराहटें
पायल वाले पांवों की
खनकती आहटें
तुम्हारी यादें
चंचल चितवन की
शोखभरी अदाएं
मखमली पलकों पर
बिखरी-बिखरी जुल्फें
तुम्हारी यादें
शबनम से होंठ
झील सी गहरी आँखें
फूल सी मुस्कराहट
नाज़नीन से अंदाज
तुम्हारी यादें
जंगल से भी धनी हैं तुम्हारी यादें
मेहंदी, पायल, काजल, बिंदी में
मैंने आज भी सहेज रखी है
तुम्हारी यादें।
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